** माँ **



माँ से बढ़कर इस दुनियाँ में !
और दूसरा कोई नहीं !!
माँ की ममता अनमोल है !
जग में इसका मोल नहीं !!
पग -पग पर करती है रक्षा !
उसके मन का प्रेम है सच्चा !!
माँ बच्चे का रिश्ता कैसा !
और न देखा दूजा ऐसा !!
कभी न हमसे वह कुछ मांगे !
निःस्वार्थ बस देती जाए !!
पर हम अज्ञानी कभी न समझें !
दुःख उनको पहुंचाते हैं !!
अपने स्वार्थ के खातिर बस !
यह रिश्ता झुठलाते हैं

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