* मेरा तिरंगा *








मेरा तिरंगा गर्व है मेरा !
इसकी खातिर मिट जायेंगे !!
देश के सच्चे वीरों की !
 गाथा को नहीं भुलायेंगे !!
इस धरती को सींचा है !
जिन्होंने अपने ख़ून से !!
ऐसे वीर बहादुर हैं वो !
मेरे हिन्दोस्तान के !!
आज हिमालय की चोटी पर !
जो ध्वज अपना लहराता है !!
इसकी रक्षा की खातिर !
कितनों ने शीश कटाया है !!
उनके इस बलिदान का ऋण अब !
हम सब को आज चुकाना है !!
अपनी भारत माता की !
रक्षा का वचन निभाना है !!
जो दुश्मन हैं इस देश के मेरे !
वह सुन लें इस ऐलान को !!
हरा नहीं पाएंगे हम को !
कहते हैं यह शान से !!
कोशिश कर के देख ले दुनियाँ !
हम को झुका न पायेगी !!
हिन्द के शेरों की गर्जन को !
कब तक वह झुठलायेगी !!
खड़े हैं हम सीना तानें !
भारत माँ के रखवाले हैं !!
हम सच्चे वीर सिपाही हैं !
जो हार कभी न माने हैं !!
जो हार कभी न माने हैं !!

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