**चिड़िया **




चूं -चूं करती आई चिड़िया
लहराती बलखाती !
कभी इधर तो कभी उधर
वह उड़ -उड़ कर है जाती !
मीलों दूर के रास्ते वह
हँस कर तय कर लेती !
जीवन एक "संघर्ष" है
कभी न तुम रुक जाना !
यही सन्देश बस आप तक
मुझ को है पहुंचाना !

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