** वक़्त **
हाँ ये वक़्त ही तो है, सबका आता है
कभी हंसाता है, कभी रुलाता है
कभी मीठे मीठे सपने दिखाता है
कभी सपने तोड़कर हमें उदास कर जाता है
हां यह वक़्त ही तो है सबका आता है
कभी मंजिलों के एकदम करीब ले आता है
कभी कोशिशों के बाद भी मंजिल नज़र नहीं आती
कभी अपनों को पास तो कभी दूर ले जाता है
हां यह वक़्त ही तो है सबका आता है
कभी तनहाई में सुकून, तो कभी भीड़ में भी अकेलापन का एहसास दिलाता है
कभी अपनों को पराया तो कभी परायों को अपना बनाता है
वक़्त वक़्त की बात है राजा को रंग और रंक को राजा बनाता है
हां यह वक़्त ही तो है सबका आता है
कभी वक़्त काटे नहीं कटता और कभी वक़्त मोहलत नहीं देता
हां यह वक़्त की ही तो बात है कभी सँवारता तो कभी मिटा देता
हां यह वक़्त ही तो है सबका आता है
कभी दिल करता है काश ! वक़्त को काबू में करना आता
सारी परेशानियों का हल खुद -वखुद निकल आता
मगर अफ़सोस ! यह वो शय है, जो किसी का होकर नहीं रहता
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